Saturday, May 16, 2009

गुलाम अली मजबूर का निधन
कश्मीर के प्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक, कलाकार और लेखक गुलाम अली मजबूर का 15 मई को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। श्री मजबूर ( 57 ) कश्मीरी लोक रंगमंच के अग्रणी कलाकार थे। उन्हांने 200 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया और आकाशवाणी, दूरदर्शन और जम्मू कश्मीर के कला संस्कृति और भाषा अकादमी के ग्रेड के कलाकार रहे। कश्मीरी लोक रंगमंच और अभिनय कला को प्रोत्साहन देने वाले मजबूर को केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, राज्य कला, संस्कृति, एवं भाषा अकादमी, कश्मीर विश्वविद्यालय और जम्मू कश्मीर सरकार के शिक्षा विभाग ने पुरस्कृत और सम्मानित किया था। एक लेखक के रूप में उन्होंने पचास से अधिक नाटकों की रचना की और कश्मीरी साहित्य और भाषा के लिये अनेक लेख लिखे। स्तंभ लेखक के रूप में वे दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं से जुड़े रहे। श्री मजबूर कश्मीर के अग्रणी रंगमंच समूह राष्ट्रीय भांड रंगमंच के संस्थापक सदस्य थे।
हबीब तनवीर अब स्वस्थ
देश के वरिष्ठ रंगकर्मी हबीब तनवीर विगत सप्ताह अस्पताल में भरती रहे। वे गंभीर रूप से बीमार थे। उन्हें साँस लेने में तकलीफ हो रही थी। हालत बिगड़ती देख उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। एक सप्ताह में उनकी बीमारी पर काबू पा लिया गया। हबीब साहब अब खतरे से बाहर हैं। उनकी बीमारी को लेकर देश के रंगकर्मी चिंतित थे। भोपाल में सभी कलाकार और साहित्यकार बुद्धिजीवी लगातार उनकी तबियत का हालचाल लेते रहे।
विवेचना, जबलपुर का थियेटर वर्कशाप
विवेचना जबलपुर का थियेटर वर्कशाप आगामी 13 जून से 12 जुलाई 2009 तक आयोजित है। यह वर्कशाप राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित है। इस कार्यशाला का निर्देशन सुप्रसिद्ध अभिनेता निर्देशक श्री सुनील सिन्हा करेंगे। वर्कशाप 16 वर्ष से अघिक आयु के युवाओं के लिये है। वर्कशाप में नाटक के सभी पक्षों की जानकारी प्रशिक्षण दिया जायेगा। व्यायाम, तकनीकी विषयों आदि के लिये दो विषय विशेषज्ञ अलग से आयेंगे। श्री सुनील सिन्हा ने अनेक नाटकों का निर्देशन किया है और शेर अफगन जैसे नाटकों में अपने श्रेष्ठ अभिनय के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने अनेक फिल्मों और टी वी सीरियल्स में स्मरणीय अभिनय किया है। उल्लेखनीय है कि सुनील सिन्हा विगत वर्ष जबलपुर में विवेचना, जबलपुर द्वारा आयोजित नाट्य कार्यशाला का निर्देशन कर चुके हैं।

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